ग्लोब: अक्षांश एवं देशांतर

जैसा कि हम जानते है कि पृथ्वी गोलाकार नहीं है। यह उत्तर एवं दक्षिण ध्रुवों पर थोड़ी चपटी तथा मध्य में थोड़ी उभरी हुई है। इस संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए आप सावधानीपूर्वक ग्लोब को देखिए। ग्लोब पृथ्वी का लघु रूप में एक वास्तविक प्रतिरूप है। ग्लोब पर देशों, महाद्वीपों तथा महासागरों को उनके सही आकार में दिखाया जाता है।

ग्लोब

पृथ्वी पर किसी स्थान की स्थिति को दिखाने के लिए कुछ रेखाओं एवं बिंदुओं की आवश्यकता पड़ती है। जब हम ग्लोब को देखेंगे तो पाएंगे की एक सूई ग्लोब की अवस्था की ओर झुकी हुई है जिसे अक्ष कहते है।

ग्लोब पर वह बिंदु जिससे होकर सूई गुजरती है उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुव कहते है। एक काल्पनिक रेखा ग्लोब को दो बराबर भागों में बाँटती है। इसे विषुवत् वृत्त कहा जाता है। पृथ्वी के उत्तर में स्थित आधे भाग को उत्तरी गोलार्ध तथा दक्षिण वाले आधे भाग को दक्षिणी गोलार्ध कहा जाता है। ये दोनों बराबर के आधे भाग होते हैं।

विषुवत् वृत्त पृथ्वी पर एक काल्पनिक वृत्त बनाती है एवं यह पृथ्वी पर विभिन्न स्थानों की स्थिति बताने का सबसे महत्त्वपूर्ण संदर्भ बिंदु है। विषुवत् वृत्त से ध्रुवों तक स्थित सभी समानांतर वृत्तों को अक्षांश (समानांतर) रेखाएँ कहा जाता है। अक्षांशों को अंश में मापा जाता है।

विषुवत् वृत्त शून्य अंश अक्षांश को दर्शाती है। चूँकि, विषुवत् वृत्त से दोनों तरफ ध्रुवों के बीच की दूरी पृथ्वी के चारों ओर के वृत्त का एक चौथाई है, अतः इसका माप होगा 360 अंश का 1/4, यानी 90 अंश। इस प्रकार 90 अंश उत्तरी अक्षांश उत्तर ध्रुव को दर्शाता है तथा 90 अंश दक्षिणी अक्षांश दक्षिण ध्रुव को।

विषुवत् वृत्त के उत्तर की सभी समानांतर रेखाओं को उत्तरी अक्षांश कहा जाता है तथा विषुवत् वृत्त के दक्षिण स्थित सभी समानांतर रेखाओं को दक्षिणी अक्षांश कहा जाता है।

प्रत्येक अक्षांश के मान के साथ उसकी दिशा यानी उत्तर या दक्षिण को भी लिखा जाता है। सामान्यतः, इसे उ. या द. अक्षर से व्यक्त किया जाता है।

महत्त्वपूर्ण अक्षांश (समानांतर) रेखाएँ

विषुवत् वृत्त (0°), उत्तर ध्रुव (90° उ.) तथा दक्षिण ध्रुव (90° द.) के अतिरिक्त चार महत्त्वपूर्ण अक्षांश (समानांतर) रेखाएँ और भी हैं।

ये हैं-

1. उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा (23½° उ.),

2. दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा (23½° द.),

3. विषुवत् वृत्त के 66½° उत्तर में उत्तर ध्रुव वृत्त,

4. विषुवत् रेखा के 66½° दक्षिण में दक्षिण ध्रुव वृत्त।

पृथ्वी के ताप कटिबंध

कर्क रेखा एवं मकर रेखा के बीच के सभी अक्षांशों पर सूर्य वर्ष में एक बार दोपहर में सिर के ठीक ऊपर होता है। इसलिए इस क्षेत्र में सबसे अधिक ऊष्मा प्राप्त होती है तथा इसे उष्ण कटिबंध कहा जाता है।

कर्क रेखा तथा मकर रेखा के बाद किसी भी अक्षांश पर दोपहर का सूर्य कभी भी सिर के ऊपर नहीं होता है। ध्रुव की तरफ सूर्य की किरणें तिरछी होती जाती हैं। इस प्रकार, उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा एवं उत्तर ध्रुव वृत्त तथा दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा एवं दक्षिण ध्रुव वृत्त के बीच वाले क्षेत्र का तापमान मध्यम रहता है। इसलिए इन्हें, शीतोष्ण कटिबंध कहा जाता है।

उत्तरी गोलार्ध में उत्तर ध्रुव वृत्त एवं उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिण ध्रुव वृत्त एवं दक्षिणी ध्रुव के बीच के क्षेत्र में ठंड बहुत होती है। क्योंकि, यहाँ सूर्य क्षितिज से ज़्यादा ऊपर नहीं आ पाता है। इसलिए ये शीत कटिबंध कहलाते हैं।

देशांतर क्या हैं?

किसी स्थान की स्थिति को बताने के लिए उस स्थान के अक्षांश के अतिरिक्त कुछ और जानकारियों की आवश्यकता भी होती है। आप देख सकते हैं कि प्रशांत महासागर में स्थित टोंगा द्वीप एंव हिंद महासागर में स्थित मॉरीशस द्वीप एक ही अक्षांश (20°00′ द.) पर स्थित हैं। उनकी सही स्थिति जानने के लिए यह पता करना होगा कि उत्तर ध्रुव को दक्षिण ध्रुव से जोड़ने वाली संदर्भ रेखा से पूर्व या पश्चिम की ओर इन स्थानों की दूरी कितनी है? इन संदर्भ रेखाओं को देशांतरीय याम्योत्तर कहते हैं तथा उनके बीच की दूरी को देशांतर के अंशों में मापा जाता है। प्रत्येक अंश को मिनट में तथा मिनट को सेकेंड में विभाजित किया जाता है। ये अर्धवृत्त हैं तथा उनके बीच की दूरी ध्रुवों की तरफ बढ़ने पर घटती जाती है एवं ध्रुवों पर शून्य हो जाती है, जहाँ सभी देशांतरीय याम्योत्तर आपस में मिलती हैं।

अक्षांश रेखा (Latitude Line)

पृथ्वी के मानचित्र पर एक काल्पनिक रेखा होती है जो पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी गोलार्धों को विभाजित करती है। यह रेखा पृथ्वी की ध्रुवों से समान दूरी पर होती है और यह पृथ्वी की गोलाई के समानांतर होती है। अक्षांश रेखाएं उत्तर (North) और दक्षिण (South) में विभाजित होती हैं।

अक्षांश रेखा के प्रमुख बिंदु:

  1. सम्पर्क रेखा (Equator): यह अक्षांश रेखा 0° पर स्थित होती है और पृथ्वी को उत्तरी और दक्षिणी गोलार्धों में बाँटती है। इसे पृथ्वी का सबसे बड़ा अक्षांश रेखा माना जाता है।
  2. उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere): Equator से उत्तर की दिशा में स्थित अक्षांश रेखाएं।
  3. दक्षिणी गोलार्ध (Southern Hemisphere): Equator से दक्षिण की दिशा में स्थित अक्षांश रेखाएं।
  4. ध्रुवीय अक्षांश (Polar Latitudes): उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के पास स्थित अक्षांश रेखाएं 90° उत्तर और 90° दक्षिण होती हैं।

अक्षांश रेखाएं 0° से लेकर 90° तक होती हैं। 0° से 90° तक के उत्तर में रेखाएं उत्तरी गोलार्ध में होती हैं, जबकि 0° से 90° तक के दक्षिण में रेखाएं दक्षिणी गोलार्ध में होती हैं।

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